5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं टीचर्स डे
भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को चिह्नित करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षा और शिक्षा के प्रतीक राधाकृष्णन एक प्रसिद्ध दार्शनिक, राजनेता होने के साथ-साथ एक शिक्षक भी थे। डॉ राधाकृष्णन को 20वीं सदी के महानतम विचारकों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय समाज में पश्चिमी दर्शन का परिचय देने के लिए याद किया जाता है।
5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं टीचर्स डे
5 सितंबर 1888 को हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था । वे स्वयं ही एक महान शिक्षक थे । उन्हें बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था । ऐसे ही एक दिन उनके जन्मदिवस पर जन्मदिन मनाने की बात कही गई ।
इसपर उन्होंने कहा था, मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय यदि इस दिन को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व का विषय होगा । जिसके बाद से ही हर 5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं ।
शिक्षक दिवस की अवधारणा सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में 1905 में शुरू की गई थी । यूरोपीय संघ में शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है । विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है । यह दिन संयुक्त राष्ट्र की ओर से स्थापित किया गया था और यह दुनिया भर के शिक्षकों के काम को पहचानता है ।
अन्य देशों में किस दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस
1. जापान: 3 मार्च
2. फ्रांस: 20 मार्च
3. यूएस: 10 मई
4. कोरिया: 15 मई
5. चीन: 10 सितंबर
6. यूके: 21 सितंबर