1 जनवरी का इतिहास
भारत में हिंदू समाज के लोग विक्रम संवत को मानते हैं. इस कैलेंडर के हिसाब से नया साल चैत्र महीने में नवरात्रों से शुरू होता है. इस बार 30 मार्च 2025 से विक्रम संवत 2082 शुरू हो रहा है. रूस और यूक्रेन जैसे देशों में नया साल 14 जनवरी से शुरू होता है. चीन का कैलेंडर चांद के हिसाब से चलता है. उनका न्यू ईयर 21 जनवरी से शुरू होता है.
आज पूरी दुनिया जिस कैलेंडर को मानकर नया साल मनाती हैं, उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहते हैं. इसकी शुरुआत 1528 में हुई. जूलियर सीजर के बने जूलियन कैलेंडर में कई खामियां थीं. ऐसे में रोम में मौजूद एक चर्च के पोप ग्रेगोरी ने ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया. इसमें 1 जनवरी से ही नया साल शुरू होता था लेकिन 1 साल की गणना 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड थी. जबकि जूलियन कैलेंडर में यह गणना 365 दिन और 6 घंटे की थी। इस कैलेंडर को सबसे पहले इटली ने अपनाया था. धीरे-धीरे यह पूरे यूरोप में अपनाया गया. 1752 में ब्रिटेन ने इस कैलेंडर को माना. भारत में ब्रिटिश हुकूमत 1608 में शुरू हुई लेकिन 1752 के बाद अंग्रेजों ने इस कैलेंडर को भारत में भी लागू कर दिया.